विधायकों के विरोध के बाद भी अंगद के पैर की तरह जमे रहे बुंदस

बुन्देली न्यूज़,
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विधायकों के विरोध के बाद भी अंगद के पेड़ की तरह जमे रहे बुंदस

कलेक्टर मोहित बुंदस ने सफलता पूर्वक एक वर्ष का कार्यकाल पूर्ण किया


छतरपुर। जिले के कलेक्टर मोहित बुंदस ने 16 जनवरी 2019 को शाम चार बजे छतरपुर में पदभार ग्रहण किया था। आज उन्हें एक वर्ष का कार्यकाल पूर्ण करने पर लोगों ने बधाईयां भी दीं परंतु एक वर्ष के कार्यकाल में उन्होंने छतरपुर जिले में हुए विवाद और आरोप प्रत्यारोप एवं सत्तापक्ष के विधायकों का दबाव भी झेला। परंतु वे इतने दबाव झेलने के बाद भी अपनी कार्यशैली को अर्जुन के तीर के समान लिए कार्य करते रहे। उनका मकसद छतरपुर जिले में चहुमुखी विकास करना था। सबसे पहले उन्होंने शहर में पानी की व्यवस्था के लिए काम किया उसके बाद जिला चिकित्सालय की बनी पांच मंजिला बिल्डिंग में पूरा हॉस्पिटल शिफ्ट किया जिसका उन्हें डाक्टरों का विरोध भी झेलना पड़ा परंतु उन्होंने आखिरकार जिला चिकित्सालय को चालू कराया और लिफ्ट भी चालू कराई। खनिज विभाग में राजस्व की दोगुनी वसूली करके gv प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त कर खनिज विभाग को सम्मानित कराया। कलेक्टर की कार्यशैली में चमक दमक भले ही न हो परंतु उनकी कार्यशैली से विभागों में काफी बदलाव आया है। शिक्षा विभाग में कई वर्षों से जिले के अंदर तबादले नहीं हुए थे कलेक्टरों ने सभी विधायकों की अनुशंसा के तबादले प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बाद करा दिए और सभी विधायकों का दिल जीत लिया। यही नहीं सभी विधायकों के रिकमंड किए गए शस्त्र लायसेंस भी कुछ जारी कर दिए हैं। काम में धीरे धीरे गति आने लगी पत्रकारों ने भी कई सवाल जबाव किए और कलेक्टर मोहित बुंदस ने छतरपुर जिले में कुछ कर जाने के लिए प्रयास करना शुरु कर दिए हैं और उनके प्रयास से ही खजुराहो में डायमंड पार्क एवं म्यूजियम बनाने का मप्र सरकार द्वारा प्रयास शुरु कर दिया गया है। इसके अलावा बंदर प्रोजेक्ट की दोबारा नीलामी हुई और अड़ानी ग्रुप द्वारा यह प्रोजेक्ट ले लिया गया है। बकस्वाहा क्षेत्र में भी अब बहुत तेजी से विकास होगा। फोरलेन के लिए अधिग्रहण की गई सभी जमीनों को कब्जा धारियों से मुक्त करा लिया गया है लगभग तीन माह के अंदर फोरलेन चालू हो जाएगा। कलेक्टर के द्वारा छतरपुर जिले के विकास में जो काम किए जा रहे हैं वह धीरे धीरे अच्छे परिणाम दे रहे हैं। कलेक्टर के बारे में कवियों का कहना है कि देखत में सीधे लगे घाव करें गंभीर अर्थात वह बोलते भले ही कुछ न हो परंतु करके कुछ दिखा देते हैं यही बात है कि क्षेत्रीय विधायकों के विरोध के बाद भी वह अंगद के पैर की तरह जमे हुए हैं और अपनी दूसरी पारी खेलने के फिराक में हैं। 

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