मंदसौर जिले के सुवासरा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए हरदीपसिंह डंग कई दिनों से भाजपा के संपर्क में थे। आज शाम को विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री को उन्होंने अपना इस्तीफा भेजा है।
गौरतलब है कि डंग की बगावत की यह दूसरी पारी है। 2018 में इसकी शुरुआत में ही वह मंत्री बनने के लिए प्रदेश सरकार पर दबाव बनाने में लगे थे। समय-समय पर बागी तेवर दिखा रहे थे। सोमवार को विधायक डंग का जन्मदिन था। सुबह से लेकर शाम तक वह सुवासरा व शामगढ़ में कार्यक्रमों में शामिल रहे। सोमवार शाम को लगभग छह बजे हमेशा की तरह मां के पैर छूकर पत्नी से बोले कि दौरे पर जाकर आता हूं और निकल गए। उसके बाद से उनका मोबाइल भी बंद है। विधायक को सुवासरा से गए 48 घंटे से अधिक हो गए हैं। इस दौरान स्वजनों से भी उनका कोई संपर्क नहीं हुआ है।
विधायक डंग के करीबियों की मानें तो डंग सरकार के मुआवजे वितरण के तरीके को लेकर काफी समय से नाराज चल रहे थे। 19 फरवरी को सीतामऊ में हुए कर्जमाफी के दूसरे चरण के सम्मेलन में भी प्रभारी मंत्री हुकुमसिंह कराड़ा की मौजूदगी में ही विधायक हरदीपसिंह डंग ने मंच से एलान किया था कि किसानों की समस्याएं नहीं सुनी जा रही हैं इसके लिए मंदसौर में बड़ा आंदोलन करुंगा। फसल बीमा की राशि के लिए सड़क पर उतरूंगा। सुवासरा में सोमवार को डंग के जन्मदिन के दिन भी समर्थकों व कार्यकर्ताओं की भीड़ के बीच भी उन्होंने कहा था कि अब कुछ बड़ा ही करने वाला हूं। उस समय कोई इन बातों को समझ नहीं पाया था पर अब सभी समझ रहे हैं।
डंग काफी समय से पार्टी लाइन से हटकर भी काम कर रहे थे। पहले जब केंद्र सरकार ने कश्मीर में धारा 370 हटाई थी तो पूरे देश में कांग्रेस विरोध कर रही थी पर डंग ने उसका भी समर्थन किया था।
इसके बाद सीएए व एनआरसी को लेकर भी कांग्रेस विरोध में थी तो डंग ने इसका समर्थन करते हुए कहा था कि दूसरे देशों के पीड़ित को अगर हमारे यहां नागरिकता मिलती है तो इसमें गलत क्या है। जबकि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मप्र में सीएए लागू नहीं करने की बात कही थी और पूरी कांग्रेस इसका विरोध कर रही थी। पर सिंधिया व डंग इसके समर्थन मेंं थे।
डंग के समर्थकों का कहना कि विधायक का अपनी सरकार से नाराजगी का सबसे बड़ा कारण अतिवृष्टि के बाद भी समय पर मुआवजा नहीं देना था। वह अपने लोगों से कहते हैं थी सबसे बड़ी आपदा मंदसौर संसदीय क्षेत्र और उसमें भी मेरे विस क्षेत्र में आई थी इसके बाद भी सरकार ने किस्तों में मुआवजा दिया। हमारे विस में कई किसानों का कर्ज भी माफ नहीं हुआ है। हालांकि कई बार विधायक सरकार विरोधी बाते भी करते थे पर हमेशा कहते थे कि मैं कांग्रेस के साथ हूं।www.bundelenews.in
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