By -
शनिवार, मार्च 21, 2020
0
!!.पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मुख्यमंत्री चुनने राय लेगी भाजपा: मुख्यमंत्री के लिए केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर पर केंद्रीय नेतृत्व की सहमति.!!
*पंकज पाराशर छतरपुर*
भोपाल । मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने सत्ता गंवा दी है। 22 विधायकों के बागी हो जाने के बाद अल्पमत में आई कमलनाथ सरकार ने फ्लोर टेस्ट का सामना नहीं किया। इसी के साथ राज्य में पिछले 18 दिन से चल रहे राजनीतिक ड्रामे का अंत हुआ। इस घटनाक्रम के बाद अब सबकी निगाहें भाजपा की तरफ हैं कि वह किसे मुख्यमंत्री चुनेगी। तीन बार सीएम रह चुके शिवराज सिंह चौहान का नाम रेस में सबसे आगे है। शिवराज ने ही ज्योतिरादित्य सिंधिया को बीजेपी की तरफ खींचा। जब वे भाजपा में शामिल हो गए तो शिवराज ने कहा था कि महाराज के साथ शिवराज। ऐसे में सिंधिया की च्वॉइस पर पार्टी नेतृत्व मुहर लगा सकता है। मगर पार्टी चौंकाने वाला फैसला भी कर सकती है।
शिवराज सिंह चौहान 2005 से 2018 तक लगातार 13 साल मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। उन्हें एमपी के अगले सीएम की रेस में सबसे आगे माना जा रहा है। हालांकि उनका 13 साल तक सीएम बने रहना ही उनके खिलाफ जा सकता है क्योंकि बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व नए चेहरे को मौका देने में दिलचस्पी दिखाता है। भले ही शिवराज सबको स्वीकार्य ना हों मगर एमपी में बीजेपी के सबसे ज्यादा लोकप्रिय नेता वहीं हैं। सीएम पद पर कौन बैठेगा, इसमें कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया की राय भी अहम हो सकती है।
बातचीत में बीजेपी के एक सूत्र ने कहा, आजकल जिस तरह से बीजेपी नेतृत्व फैसला लेता है, कोई पूरे विश्वास से नहीं कह सकता है कि उसका रास्ता साफ है। क्योंकि अब ऐसे फैसले कांग्रेस की तरह हाईकमान स्टाइल में होते हैं। किसी नेता को चुनने में इतना सरप्राइज रहता है कि टॉप लीडरशिप के अलावा कोई नहीं जानता कि कौन सीएम होगा।
*केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर होंगे अगले सीएम?*
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर के नाम की सुगबुगाहट भी उठ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी तोमर को पसंद करते हैं। जमीन से जुड़े नेता हैं और सबको साथ लेकर चलने में यकीन रखते हैं।
*क्या थावर चंद गहलोत को मिलेगी कुर्सी ?*
बीजेपी सूत्र केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री थावर चंद गहलोत का नाम भी सीएम रेस में बता रहे हैं। वह पार्टी नेतृत्व के साथ-साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पसंद भी हो सकते हैं। वह गुजरात के अलावा दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव की भूमिका निभा चुके हैं। शेड्यूल्ड कास्ट से होने के नाते उनका दावा और मजबूत हो जाता है। जबलपुर सांसद और पूर्व राज्य भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि शीर्ष नेतृत्व ही सीएम का फैसला करेगा।
नरोत्तम मिश्रा का नाम भी चर्चा में नरोत्तम मिश्रा का नाम उठा तो है मगर वह इस रेस में उतनी मजबूती से खड़े नहीं दिख रहे। राज्य में लंबे समय से कोई ब्राह्मण चेहरा सत्ता में नहीं बैठा है और उनके फेवर में ये बात जा सकती है। हालांकि सिंधिया और उनके बीच के रिश्ते उतने मधुर नहीं।
*पंकज पाराशर छतरपुर*
Tags:
3/related/default