पत्रकार पर हमले का आरोपी थाने पहुंचते ही कैसे बन गया फरियादी

बुन्देली न्यूज़,
By -
3 minute read
0
ads banner
पत्रकार पर हमले का आरोपी थाने पहुंचते ही कैसे बन गया फरियादी

हमारी सरकारें चाहे जितनी भी बड़ी-बड़ी बातें करके पत्रकार सुरक्षा कानून के विषय में बातें करें, लेकिन जमीनी हकीकत तो यही है कि जिस तरह से पत्रकारों पर हमले दिनों दिन बढ़ते जा रहे उसमें कहीं ना कहीं शासन और सत्ता में बैठे लोग ही अपराधियों को शरण प्रदान करते हैं, जिसका जीता जागता उदाहरण खजुराहो थाना अंतर्गत ग्राम बेनीगंज के साधना न्यूज़ चैनल के पत्रकार सौरभ अवस्थी पर हमला करने वाला आरोपी जिसे पुलिस अपनी गाड़ी में एक अपराधी के तौर पर गिरफ्तार करके लाई और थाने पहुंचते ही वह फरियादी बन गया..? यह पुलिसिया रवैया का एक बहुत बड़ा जीता जागता उदाहरण देखने को मिला है जिस पर सवालिया निशान खड़ा होना स्वाभाविक है ।
ग्राम बेनीगंज निवासी सौरभ अवस्थी पिता चिंतामन अवस्थी ने थाना खजुराहो में कुछ दिनों पूर्व अपने ऊपर कुछ लोगों की चल रही साजिश के तहत एक आवेदन एसडीओपी खजुराहो को सौंपा गया था ,जिस पर एसडीओपी महोदय ने मामले को संज्ञान में लेते हुए कार्यवाही हेतु आश्वासन भी दिया लेकिन 2 दिन बीत जाने के बाद जब कोई कार्यवाही सुनिश्चित नहीं हो सकी तो अपराधियों के भाव बढ़ना शुरू हुए और वह सौरभ अवस्थी के घर एक राय होकर गाली गलौज करते हुए मारने की धमकी देते हुए घर पर पत्थर फेंके । आरोपी ग्राम के दबंग मोहन पटेल पिता छन्नू पटेल, नरेश रैकवार पिता धनी रैकवार जो हाथ में शराब की बोतल लिए प्रार्थी के दरवाजे पर आया एवं शाम के वक्त गंदी गंदी गालियां देकर मारने की धमकी देते हुए पत्थर बरसाए ,जब पत्रकार सौरभ अवस्थी एवं उनके घर के लोग बाहर निकले तो उनके देसी कट्टे के साथ वहां उन्हें पाया गया और पुलिस को फोन लगाते ही जब पुलिस वहां पहुंची तो अपराधियों ने अपना कट्टा फेंकते हुए एवं मोटरसाइकिल फेंक कर फरार हो गए उनमें से एक आरोपी पवन रैकवार जो कि अलग एक मोटरसाइकिल से सौरभ अवस्थी के घर पहुंचा एवं धमकाने लगा इसी बीच वह पुलिस की पकड़ में आया और पुलिस उसको अपने गाड़ी में बैठाकर थाने ले आई, बाकी 2 आरोपी फरार हो गए, अब ऐसी स्थिति में आखिर वह आरोपी थाने पहुंचते ही फरियादी कैसे हो गया यह एक बहुत बड़ा सवाल फरियादी सौरभ अवस्थी के मन में उठ रहे हैं ,जिसको लेकर के आज खजुराहो पत्रकार संघ ने एसडीओपी खजराहो को आवेदन देते हुए उक्त तीनों आरोपियों पर सख्त कार्यवाही करने हेतु निवेदन किया ।
अगर इन आरोपियों पर शीघ्र ही कोई कार्यवाही नहीं होती तो निश्चित रूप से पत्रकार संघ खजुराहो आगे जाकर इस विषय को लेकर पुलिस अधीक्षक तक भी अपना आवेदन देगी एवं आगे की भूमिका निर्धारित की जाएगी, विदित हो इसके पूर्व भी खजुराहो के कई और पत्रकारों के साथ जिनमें  कालीचरण अहिरवार एवं इमरान खान पर हुए हमलों के मामले भी राजनगर तथा खजुराहो थाने में लंबित हैं जब पत्रकार ही सुरक्षित नही तो आम आदमी कैसे सुरक्षित हो सकते हैं पत्रकार पर हो रहे हमले पर प्रशासन के कानों से जूं तक नही रेंग रही है। खजुराहो /राजनगर के पत्रकारों पर हमला से साबित हो रहा हैं कि जब कभी किसी पत्रकार के साथ अनहोनी घटना घट जावेगी तब ही प्रशासन जागेगा, आज लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कमजोर नजऱ आ रहा हैं, गांवो में हो रही अवस्था को उजागर करना ही पत्रकारों के लिये संकट बनता जा रहा क्या पत्रकार समाज के लिये आईना नही है जब वही सुरक्षित नही हैं तो आम इंसान कैसे सुरक्षित  होंगें,,जिन पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की जा सकी, यह तीसरा ऐसा वाक्य है जिसके चलते पत्रकारों पर लगातार हो रहे हमले निश्चित रूप से पुलिस के द्वारा इन ऐसे आरोपियों पर कार्रवाई न करना कहीं ना कहीं पुलिस और अपराधियों के बीच साठगांठ का मामला दिखाई देता है, उक्त मामले को लेकर बेनीगंज बीट प्रभारी पर पत्रकारों ने संदेह व्यक्त किया है, और देखना होगा उक्त मामले को एसडीओपी महोदय संज्ञान में लेते हुए कब तक कार्यवाही करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार करते हैं ।

राहुल रैकवार
बुन्देली न्यूज़
ads banner

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!
Today | 16, March 2025