लकड़ी बीन कर पेट पाले या पुलिस का पेट भरे प्रताड़ित आदिवासी परिवार ने मांगी इच्छा मृत्यु

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लकड़ी बीन कर पेट पाले या पुलिस का पेट भरे 
प्रताड़ित आदिवासी परिवार ने मांगी इच्छा मृत्यु 

पन्ना जिला आदिवासी प्रताड़ना का केंद्र बनता जा रहा है। लकड़ी बीन कर गुजारा करने वाला एक आदिवासी परिवार इसलिये इच्छा मृत्यु मांग रहा है ताकि वह पुलिस के जुल्म से निजात पा सके। गुन्नौर थाने के मुंशी को घूस चाहिए, अब बेचारा आदिवासी परिवार अपना पेट पाले या पहले पुलिस का पेट भरे। 
मामला पन्ना जिले के गुन्नौर थाने के ग्राम छिगम्मा का है। गांव कि रानी आदिवासी के पति राकेश गौड़  के साथ गांव के ही लोगो ने 10 जुलाई को मारपीट कर दी थी। पीड़ित आदिवासी परिवार गुन्नौर थाने मे रिपोर्ट लिखाने गया। थानो कि हालत क्या है, किसी से छुपी नहीं है। खाकी ने भी थाने मे दुकान सी खोल रखी है। आरोप लगते है कि रिपोर्ट लिखवाने वाले से सुविधा शुल्क ओर आरोपियों से भी नजराना यानि दोनों से जेब भारी। पुलिस कि आपदा का शिकार आदिवासी परिवार भी हुआ। दो हजार पहले सुविधा शुल्क लिया फिर आरोपियों पर धारा 294,323,506 के तहत मुकदमा कायम किया। अब यही मुकदमे कि कायमी ने पुलिस का अकॉउंट खोल रख दिया है। पीड़ित आदिवासी परिवार का आरोप है थाने के मुंशी पांडे अब 10 हजार रूपये कि मांग कर रहे है। माननीय मुंशीजी कि मांग पूरी करने मे आदिवासी परिवार प्रताड़ना का शिकार हो रहे है। लकड़ी बीन कर गुजारा करने वाला यह परिवार परेशान है कि पहले घर कि दो वक़्त कि रोटी का इंतज़ाम करें या खाकी वर्दीधारी पांडे मुंशी का पेट भरे। हताश मजबूर लाचार रानी ओर उसका पति राकेश हर अधिकारी के देहरी पर न्याय कि गुहार लगा चुका है, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। अब खाकी कि तिल तिल कर मार देने वाली यातना से तंग आकर रानी आदिवासी ने मप्र के मुख्यमंत्री से इच्छा मृत्यु कि इज़ाज़त मांगी है। इस सन्दर्भ मे रानी ने गुन्नौर के एसडीएम सुरेश गुप्ता को लिखित आवेदन भी सौपा है। 
इस मामले मे एसडीओपी गुन्नौर का कहना है आवेदन पर जाँच कर कार्यवाही कि जायेगी। 
आदिवासियों के हक़ कि लड़ाई लड़ने वाले पन्ना राष्ट्रीय खाद आपूर्ति विभाग मजदूर संघ के जिलाध्यक्ष एवं पन्ना आदिवासी बनवासी दलित अल्पसंख्यक महासंघ (बुंदेलखंड) के जिला प्रभारी के. पी. सिंह बुंदेला ने भी इस मामले को लेकर गुनौर तहसीलदार के माध्यम से कलेक्टर पन्ना को ज्ञापन सौपा है। उनका कहना है कि पन्ना जिला आदिवासी बाहुल्य है। यहाँ यह समाज पुलिस, वन विभाग ओर दबंगो के कहर से दबा कुचला है।

(धीरज चतुर्वेदी पोलखोल बुन्देली न्यूज़ )

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