ग्राम पंचायत सिंहपुर चढ़ी भृष्टाचार की भेंट

बुन्देली न्यूज़,
By -
0
ग्राम पंचायत सिंहपुर चढ़ी भृष्टाचार की भेंट


नौगांव जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत सिंहपुर में जमकर किया गया है भृष्टाचार और आज भी निरंतर धांधली चल रही है मगर जिम्मेदार अधिकारियों का इस ओर कभी ध्यान ही नहीं जाता है क्योंकि उनको कमीशन की एक निश्चित राशी का भुगतान पहले ही कर दिया जाता है इसलिए मौके पर जाना और जांच-पड़ताल करने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता ।
पहले अधिकारियों को अपना विकास करने से फुर्सत मिले तब तो वह ग्राम पंचायतों का विकास देखेंगे
जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता के कारण ग्रामों का विकास की जगह विनाश हो रहा है जन-जीवन बहुत घटिया स्तर पर पहुंच गया है 90 प्रतिशत लोगों को रहने को आवास नहीं है कच्चे टूटे खपरैल और जर्जर मकानों में रहने को मजबूर है ग्रामीण
और बात अगर स्वच्छ भारत अभियान के शौचालयों की करें तो सिर्फ कागजों में बनकर तैयार हो गये शौचालय और पूरी पंचायत ओडीएफ घोषित कर दी जाती है मगर हकीकत कुछ और ही बयां करती है लोगों के यहां शौचालय बने ही नहीं है और जिनके बन भी गये तो वह उपयोग करने लायक नहीं है किसी में टैंक का गढ्ढा नहीं तो किसी में खिड़की और सीट ही नहीं
कुछ ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने शौचालय अपने पैसों से बनवा तो लिए मगर 2-3 साल बाद भी उनको शौचालय की राशि का भुगतान नहीं मिला है आखिर मिले भी तो कैसे क्योंकि शौचालयों की राशि सरपंच के खाते में डाल दी गयी थी और सरपंच सचिव की मिली भगत से उसको हड़प कर लिया गया भुगतान के लिए लोग सचिव और सरपंच के यहां चक्कर लगा लगाकर परेशान हैं गांव में घटिया सीसी सड़क निर्माण हुआ है नालियां बनी ही नहीं और पैसे निकल गये सड़क और नालियों के अभाव में छोटे छोटे बच्चों और ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है बच्चों को स्कूल जाने में और खेलने-कूदने में बहुत परेशानी होती है नारायण सिंह राय अनिल कुमार नामदेव कुसुम फूलाबाई रामरती कैलाश और अन्य ग्रामीणों ने अपनी अपनी समस्याओं से अवगत कराते हुए सरपंच उत्तम सिंह और सचिव भगवत सिंह पर मनमानी और तानाशाही के आरोप लगाये
सरपंच उत्तम सिंह से जब इस मामले में बात की गयी तो उनका कहना थी हम कहीं से भी ग़लत नहीं है क्योंकि इंजीनियर साहब पहले जांच करते हैं फिर बाद में भुगतान होता है
अगर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जाए तो इंजीनियर के साथ साथ सचिव और जनपद के वरिष्ठ अधिकारी हो सकते हैं बेनकाब और भृष्टाचार के लपेटे में आ सकते हैं ।।

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!