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शनिवार, नवंबर 28, 2020
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अंतिम समय मे भी बारीस के मौसम मे शांतिधाम नसीब नहीं ,नाला बना बाधक,शाँतिधाम छोड़ इस पार ही करना पड़ता है अंतिम संस्कार।
किसानों को अपने खेतों से सब्जी की उपज सर पर रखकर लाना पड़ता हैं। नाले पर पुलीया व रोड़ न होने के कारण ग्रामीणों व किसानों को आवागमन में होती है दिक्कत। ,
पंधाना विधानसभा की जनपद पंचायत छैगांवमाखन के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत कोडा़वद मे शाँति धाम का निर्माण तो हो चुका है, लेकिन वर्षाकाल में वहाँ अंतिम संस्कार करना बेहद चुनौतीपूर्ण है। अंतिम समय मे व्यक्ति भगवान के पास चला जाता है, पर बारिश के समय मे ग्रामवासी अंतिम यात्रा के समय शव को शांतिधाम ले जाते है पर नाले पर पुलिया व रोड़ नहीं होने के कारण बहुत असहजता महसूत करते हैं व कठिनाइयों का सामना करते हुए अंतिम यात्रा में सम्मिलित होते है। वर्गाकार में शांति धाम के बगैर नाले किनारे ही मुखाग्नि देना पड़ती है।वर्षाकाल में मुख्य मार्ग से नाले तक मार्ग की स्थिति भी दयनीय होकर कीचड़ से सनी रहती है।
गौरतलब है की कोडावद पंचायत सरपंच एंव पंचायत व्दारा जनप्रतिनिधियों को पुलिया निर्माण का प्रस्ताव दिया पर पांच वर्ष बित जाने के बाद भी नही बनी पुलीया। नाले पर पुलीया नहीं होने से 50 किसानों को खेत मे जाने व उपज लाने में भी भारी मशक्कत करना पड़ता है ।50 किसानों का आम रास्ता भी यही है। किसान भी परेशान है, ग्राम पंचायत सरपंच प्रतिनिधि आशाराम पटेल एंव ग्रामीणों ने कोडावद के शांतिधाम के नाले पर पुलीया बनाने की मांग की है,
खंडवा बुँदैली न्यूज हेड प्रकाश एकले की खास खबर।
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