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रविवार, अक्टूबर 23, 2022
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8 दिन बाद भी शंकर जी के मंदिर के कमरे में आग लगाने ब शराब पीने के लिए रुपये मांगने बाले,
आरोपियों को नही पकड़ पाई हरपालपुर पुलिस,
फरियादी को ही पुलिस ने फटकारा ओर धमकाया,
फरियादी दुआरा थाने में दिया गया लिखित आवेदन को भी पुलिस ने छुड़ाया,
छतरपुर / हरपालपुर थाना में फरियादी बब्बू पाल ग्राम कुकरैल ने एक लिखित आवेदन दिया कि मिही लाल कुशवाहा, दुर्गा कोरी ब अन्य दो व्यक्तियों दुआरा मुझसे शराब के लिए रुपये मांगने और मेरे दुआरा मना कर देने पर मेरी मारपीट कर शंकर जी के मंदिर के नीचे बने कमरे में आग लगा दी जिससे मेरी नगदी ब मोटरसाइकिल सहित मेरे किराने की दुकान की सामग्री जलकर खाक हो गई।।
क्या था मामला।।
फरियादी बब्बू पाल ने जानकारी देते हुए बताया की में ग्राम कुकरैल के शंकर जी के मंदिर में करीब 6,7 साल से रहता हूं और शंकर जी की सेवा करता हूं दिनांक 14/10/022 को सायं को दुर्गा कोरी ब दो अन्य लोग आए और बही पर शराब पीने लगे तो हमने मना किया तो हमारी इन लोगो से कहा सुनी हुई और ओर जब हमने कहा हम पुलिस को बुलाते है तो यह लोग बहा से देख लेने की धमकी देते हुए चले गए।
इसके बाद रात्रि में करीब 1.30 के लगभग मिही लाल, दुर्गा कोरी , ब दो अन्य लोग आए और इन लोगो ने मंदिर के कमरे की कुंडी खटखटायी तो हमारे साथ रह रहे बुजुर्ग बाबा मुन्नी लाल ने कमरे के गेट खोल दिये तो यह सभी लोग मुझे गालियां देने लगे और बोले बाहर निकलो तुमने हमें शराब नही पीने दी 500 रुपये चाईए शराब पीना है तो मैने मना कर दिया तो इन चारो लोगो ने मुझे कमरे से निकाल कर बुरी तरह लात घुसो ब डंडे से मेरी मारपीट कर दी और महेन्द्रा ट्रैक्टर लिए हुए उसकी ट्राली में पटक दिया तब बुजुर्ग बाबा ने कहा की इसे अब छोड़ दो अब तुम लोगो ने मारपीट भी कर ली है और बाबा बोला यह किसी से नही कहेगा न रिपोर्ट करेगा तो बाबा को गालियां देकर बहा से भगा दिया इसके बाद मिही लाल ब दुर्गा कोरी ने मंदिर के कमरे में आग लगा दी और हमारा मोबाइल भी छुड़ा लिया ये चारों लोग शराब के नशे में थे इसके बाद यह लोग बोले कि रिपोर्ट मत करना नहीं तो जान से मार देंगे ओर बही से भाग गए।।
मेने दूसरे दिन अन्य ब्यक्ति के मोबाइल से 100 डायल को सूचना भी दी और थाने गए तो सब इंस्पेक्टर गुप्ता जी बोले आवेदन लिखकर लेकर आयो तो में आवेंदन ले गया तो मुझे गुप्ता जी ने आवेंदन की पावती दी और मेरा मेडिकल कराया और कहा घर जायो हम देख लेंगे।।
जब मामला मीडिया में उजागार हुआ तो आनन फानन में टी आई सहित पुलिस मंदिर में पहुँची तो बहा पर मौका मुआयना किया और मुझसे ब बुजुर्ग बाबा से पूछताछ की ओर बोले जिनका नाम ले रहे तो बो बाहर थे तुम झूट बोल रहे हो इसके बाद मुझे ब बुजुर्ग बाबा को गाड़ी से बैठा लिया और बोले थाने चलो इसके बाद रास्ते मे धमकियां देते रहे कि रिपोर्ट बापिस ले लो नही तो हरिजन एक्ट में फस जाओगे ओर मुझे रास्ते मे गाली देते रहे और थाने में भी धमकाते रहे और बुजुर्ग बाबा से टी आई साहब बोले तुम इस लफड़े में मत पड़ना ओर यहाँ से भाग जाना अब दिखना नही ओर उस बुजुर्ग बाबा को भगा दिया बुजुर्ग बाबा का कसूर इतना था कि उसने सच - सच बताया था टी आई साहब को ओर मेने जो लिखित आवेंदन दिया था थाने में बह भी मुझसे छुड़ा लिया था और मुझे थाने से भगा दिया।
इसके बाद रोजाना आरोपियों दुआरा दवाव बनाया जा रहा है कि राजी नामा कर लो और ग्राम में जब सरपंच के सामने पंचायत हुई तो पुलिस जिस ब्यक्ति को बाहर बता रही थी उस ब्यक्ति ने पंचायत के सामने घटना में शामिल होना स्वीकार किया मगर पुलिस ने कोई कारबाही नही की न आरोपियों को थाने बुलाया दिनांक 20/10/022 को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में लिखित आवेंदन दिया तो मुझे 21/10/022 को आरोपियों दुआरा मेरा मोबाइल जो मुझसे छुड़ा ले गए थे बो भी सरपंच ब ग्राम बासियों के सामने दे गए।
मुझे थाने में पुलिस ने बुलाया की आप अपनी एफआईआर की कॉपी ले जाओ तो में थाने पंहुचा तो गुप्ता दरोगा जी बोले नया आवेंदन दे दो और मारपीट का आपके तरफ से एफआईआर कर दे रहे है तो मैने कहा हम आवेंदन दे चुके है अब दूसरा आवेंदन क्यो दे तो हमे दिनभर थाने में बेठाये रहे इसके बाद सब इंस्पेक्टर गुप्ता जी बोले sp साहब को क्यो आवेंदन दिया अब बाद में होगी कारबाही घर जायो ओर मेरी कोई कारबाही नही की मेने बरिस्ट अधिकारियों से निष्पक्ष कारबाही की मांग की है।।
जब इस सम्बंध में टी आई हरपालपुर धर्मेंद्र सिंग से बात की तो उनका कहना था की जो लिखना हो लिख दो।।
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