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मंगलवार, नवंबर 22, 2022
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असंवेदनशीलता की अति....
न्याय की आस में एक मां ने एसपी ऑफ़िस के बाहर बच्चों सहित सड़क पर गुजारी रात
एंकर। जिस प्रदेश की सरकार महिला सशक्तिकरण और महिलाओं के प्रति सम्मान की बात करती हो, उस मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिला मुख्यालय पर पुलिस अधीक्षक कार्यालय के बाहर न्याय की आस में एक माँ ने कड़कड़ाती ठंड में अपने दो बच्चों के साथ रात गुजार दी और तमाशबीन बनी रही। लेकिन उस माँ की मदद न तो खाकी ने की और ना ही खादी ने। क्योंकि वह किसी बड़े परिवार की महिला नहीं है, बल्कि गरीब दलित वर्ग की पीड़ित महिला है। शायद खादी को गरीब दलित वर्ग की याद सिर्फ चुनाव के वक्त ही आती है।
टीकमगढ़ जिले के गांव अंतोरा की रहने वाली श्रीमती रामकली को उसके पति ने बच्चों सहित घर से निकाल दिया। जब सहारे की आशा व उम्मीद के साथ वह पीड़ित महिला रामकली अपने मायके पहुंची तो मायके वालों ने भी यह कहकर घर से बाहर का रास्ता दिखा दिया कि शादी के बाद महिला का घर पति का घर ही होता है। तब सोमवार 21 नबम्बर को पीड़ित महिला रामकली न्याय की खातिर अपने बच्चों के साथ पुलिस अधीक्षक कार्यालय टीकमगढ़ पहुंची और कड़कड़ाती ठंड में पूरी रात पुलिस अधीक्षक कार्यालय के बाहर भूखे प्यासे ही सड़क पर गुजार दी। पीड़ित महिला रामकली ने रोते हुए बताया कि वह न्याय की खातिर पुलिस अधीक्षक से मिलने आई है, अगर न्याय नहीं मिला तो वह अपने बच्चों के साथ आत्महत्या कर लेगी।
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