नगर के पास बस स्टैंड के पास स्थित धर्मकांटे में बेहतरतीब ढंग से खड़े होने वाले भरी वाहन हादसे का कारण बन रहे हैं।

बुन्देली न्यूज़,
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हरपालपुर। नगर के पास बस स्टैंड के पास स्थित धर्मकांटे  में बेहतरतीब ढंग से खड़े होने वाले भरी वाहन हादसे का कारण बन रहे हैं।
  सड़क किनारे वाहनों की कतार लगी रहती है। थोड़ी सी चूक में जिंदगियां काल के गाल में समा जाती है। सड़क हादसों को रोकने के लिए  बैठकों में दावे तो बड़े-बड़े किये जाते हैं।  दरअसल हाईवे में भारी वाहनों की पार्किंग लंबे समय से हादसों का कारण बन रही है। हरपालपुर नगर के मध्य से गुजरने वाले झाँसी मिर्ज़ापुर हाईवे पर बस स्टैंड के पास  स्थित धर्मकांटे पर  बड़ी संख्या   में वाहन खड़ेेे होते हैं। सुबह शाम के समय तो वाहनों की लंबी कतार लगी रहती है। चालक अपने वाहनों को सड़क में खड़ा करके आराम करने चले जाते हैं। वही रेल्वे स्टेशन से रैंक लोडिंग होने पर आधा सैकड़ा वाहनों की लंबी कतार लग जाती हैं। रात में हाइवे से गुजरने वाले दूसरे वाहन चालक भयभीत रहते हैं। यदि थोड़ी चूक हो जाती है तो जिंदगियों को काल के गाल में समाने में देर नहीं लगती है। रात में हाइवे में वाहन खड़े करने वाले लोगों द्वारा उसकी लाइट तक नहीं जलाई जाती है। वही धर्मकांटा संचालक द्वारा हाइवे पर मुरम गिट्टी बिछाने पर लोडिड ट्रक के आये दिन टायर ब्लास्ट होने हादसे का डर बना रहता हैं।
 इन वाहनों की वजह से सबसे ज्यादा हादसे की संभावना उस समय रहती है जब ट्रकों के बीच से अचानक कोई छोटा वाहन या फिर जानवर निकलकर सड़क में आ जाता है। तेज रफ्तार आ रहे वाहन को फिर कंट्रोल करना आसान नहीं होता है। यह समस्या एक लंबे समय से बनी हुई है लेकिन इसको दूर करने की दिशा में प्रयास नहीं किये जाते हैं। यही कारण है कि समस्या यथावत बनी हुई है।

हाईवे में वाहन पार्किंग का नहीं है नियम
हाईवे में वाहन पार्किंग का कोई नियम नहीं है।  हाइवे में कहीं भी वाहनों का खड़ा करना नियम विरुद्ध है। इसकी अनदेखी कर भारी वाहन पूरी हाइवे में कहीं भी रुक जाते है। जो वाहन सड़क पर खराब हो जाते हैं उनमें भी कोई व्यवस्था नहीं करवाई जाती है जिसकी वजह से हादसे हो जाते है।

नगर में आधा दर्जन  से अधिक स्थानों में है समस्या बनी हुई हैं।
नगर के बीच से गुजरने वाले झाँसी व मिर्जापुर हाइवे में नो-पार्किंग की समस्या है। करीब दर्जन स्थानों में यह समस्या सबसे ज्यादा गंभीर है। बड़ी संख्या में वाहन पूरी रात खड़े हो जाते हैं। जिनको न तो कार्रवाई का भय है और न ही हादसों को रोकने के लिए बड़े-बड़ेेे दावे करने वाले प्रशासनिक अधिकारियों के पास समय ही है।

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