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बुधवार, अप्रैल 19, 2023
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हरपालपुर में 5वीं,8वीं के स्टूडेंट्स को करना पड़ा 2 घंटे तक इंतजार, फोटोकॉपी से हुई परीक्षा
बंडल में अधूरे पेपर निकलने से दो तीन घंटे बाद हुई परीक्षा
हरपालपुर। शनिवार को कक्षा 5वीं , 8वीं का गणित का पेपर होना था। लेकिन, हारपालपुर कन्या ,बालक संकुल के अंतगर्त आने वाले 5 परीक्षा केंद्रों में गणित के पेपर के बंडल में कम संख्या में पेपर निकले।
जब इस लापरवाही का पता चला तो आनन-फानन में अधिकारियों का अवगत कराया गया। लेकिन इन दौरान पेपर नौगॉव बीआरसी कार्यलय से मंगवाये जिस में दो से ढाई घंटे बाद इन केंद्रों तक प्रश्नपत्र पहुंचाया गया । इस स्थिति कई परीक्षा केंद्रों पर छात्र-छात्राओं को 2 से ढाई घंटे तक का इंतजार करना पड़ा। इस दौरान तेज़ गर्मी में मासूम छात्र पानी को परेशान नज़र आये।
शनिवार को कक्षा 5 वीं,8वीं के हजार छात्र-छात्राओं का मैथ का पेपर था। 5वीं कक्षा के छात्रों का अंतिम पेपर था। वही 8 वीं कक्षा छात्रों का 15 अप्रैल के बाद 17 अप्रैल को संस्कृत का अंतिम पेपर होना हैं।
लापरवाही सामने आने के बाद शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने 5 परसेंट एक्स्ट्रा रखे पेपर की फोटो कॉपी कराकर एक्जाम सेंटर तक पहुंचाई। इसके बाद परीक्षा शुरू हो सकी। इस दौरान बीआरसी नौगॉव अनुराग खरे पेपर लेकर खुद इन केंद्रों पर वितरण करने पहुंचे। वही इस दौरान जिला अधिकारी एस के कोटायॅ परीक्षा निरीक्षण करने पहुँचे वो भी बालक हायर सेकंडरी स्कूल में बैठकर चाय नास्ते में बिजी थे उस जब इस लापरवाही के बारे में पूछा तो बोले अभी जिले सात दिन पहले आया हूँ मैने फोन किया स्टाफ पेपर लेकर आ रहे है
दो से ढाई घंटे बाद शुरू हुई परीक्षा
शनिवार दोपहर 2 से 4:30 बजे के बीच कक्षा 5वीं, कक्षा 8वीं की बोर्ड परीक्षा होना थी। गणित विषय का पेपर देने के लिए छात्र-छात्राएं परीक्षा केंद्र पर परीक्षा देने पहुंचे थे। लेकिन,नौगॉव तहसील के हरपालपुर के पांच परीक्षा केंद्रों पर गणित विषय के प्रश्न पत्र वाले बंडल में कही हिंदी मीडियम तो कही अंग्रेजी मीडियम के पेपर संख्या में निकले। जिसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया गया, जहां से मैथ के पेपर की फोटो कॉपी कराकर सेंटरों पर भिजवाई गई।
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हरपालपुर के नगर शासकीय बालक हायर सेकंडरी,कन्या हायर सेकंडरी ,प्राथमिक शाला केंद्र 3 , स्कूल से लापरवाही पकड़ में आई। इसके कुछ ही देर बाद पता लगा कि हरपालपुर के परीक्षा केंद्र के साथ कराठा,इमलिया हाई स्कूल सेंटरों में इस तरह के मामले सामने आए हैं। जानकारी अनुसार बालक हायर सेकंडरी स्कूल में कक्षा 5 वीं,8 वीं के कुल 497 छात्र जिसमे में 8 वीं कक्षा 301,5 वीं कक्षा 196 छात्र छात्रएं परीक्षा देने पहुंचे यहाँ 120 पेपर बंडल में कम निलने यही हाल कन्या हायर सेकंडरी स्कूल का था जहाँ 5 वीं 8 वीं कक्षा कुल 507 छात्र छात्रा परीक्षा देने आए थे। जहाँ 8 वीं कक्षा के 48 पेपर ,27 हिंदी मीडियम के पेपर कम निकले। ये बंडल परीक्षा शुरू होने के 15 मिनिट पहले खोला गया। जिसके बाद बरिष्ठ अधिकारियों को सूचना देकर कर
आनन-फानन में यहां परीक्षाएं रोक दी गई, और छतरपुर से मिले एक्स्ट्रा रखे प्रश्न-पत्रों का उपयोग करते फोटो कॉपी की दुकानों पर पेपर की कॉपी करवाई। इसके बाद परीक्षा केंद्र पर गणित का पेपर भिजवा कर परीक्षाएं शुरू कराई गई।
*एक्जाम देने पहुंचे परीक्षा घंटों तक प्रश्न पत्र मिलने का इंतजार करते रहे*
कक्षा 5 वीं 8वीं की छात्रों ने बताया कि आज हमारा मैथ का पेपर था। जो समय से आधे दो घंटे बाद शुरू हुआ। सर बता रहे थे कि पेपर नहीं आया हैं। दो घण्टे से अधिक समय तक गर्मी देर बैठे रहे फिर पेपर आ गया था। 8वीं के छात्र सत्यम यादव ने बताया कि 2 बजे से परीक्षा होनी थी 4 बज गए पर अभी तक परीक्षा शुरू नहीं हुई सर लोग बोल रहे पेपर आ रहा हैं किंतु अभी तक पेपर नही आया हैं।
5 वीं छात्र आयुध त्रिपाठी ने बताया कि एक बजे परीक्षा केंद्र पर आ गए थे 4 बज गए पेपर शुरू नहीं हो सका गर्मी में पीने पानी इंतज़ाम साथ ही लाइट नही होने परेशानी हो रही है।
मामले को लेकर छतरपुर के डीपीसी आरपी लखरे ने कहा कि मुझे इस की जानकारी नही में जानकारी करता हूं, ये बोल मामले को दबाने का प्रयास किया।
परीक्षा केंद्र प्रभारियों का कहना कि परीक्षा के लिए प्रेस से पेपर आते हैं। वही से यह गलती हुई है। हम लोगों ने तुरंत इस सूचना डीपीसी,बीएआरसी को सूचना भेज दी उन्ही निर्देश पर परीक्षा रोक जब पेपर पूरे आ गए उस बाद परीक्षा हुई हैं।
*समय बढ़ाकर ली गई परीक्षा: नौगॉव BRC*
नौगॉव ब्लाक के बीआरसी अनुराग खरे ने बताया कि दोपहर 2 बजे मुझे सूचना मिली थी कि हरपालपुर के परीक्षा केंद्रों में आज गणित के पेपर कम संख्या में निकले निकले हैं। इसके तत्काल बाद मौके पर अपने साथियों के साथ पहुंचा। चूंकि हमारे पास छतरपुर प्रतिशत एस्ट्रा पेपर आए थे। ऐसे में जहां-जहां समस्या आई वहां पेपर पहुंचा दिए गए।
इस मिस्टेक में जितना छात्र-छात्राओं का समय खराब हुआ, उतना समय परीक्षा में बढ़ाकर परीक्षा ली गई।
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