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सरकारी अस्पताल खुद है बीमार कैसे सुधरेंगे नगर के प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं के हालत,

ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी मिले नदारत घायल मजदूर को नही मिल सका प्रथमिक उपचार,

गम्भीर रूप से घायल मजदूर हो न मिला इलाज व एम्बुलेंस,

सरकारी अस्पताल खुद है बीमार कैसे सुधरेंगे नगर के प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं के हालत,

हरपालपुर।प्रदेश में भर में मुख्यमंत्री मोहन यादव स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने का प्रयास कर रहे है ताकि आम लोगो को बेहतर उपचार मिल सके।लेकिन इधर स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल है डॉक्टरों की कमी के चलते उनको उपचार भी नही मिल पा रहा है ऐसे में दूर दराज से आने वाले मरीजो के परिजनों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है ।
नगर में मंगलवार को बोरबेल मशीन पर काम कर रहे मजदूर नानसिंह उम्र 35 वर्ष निवासी छत्तीसगढ़ जो गम्भीर रूप से घायल मजदूर को उपचार के लिये प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हरपालपुर ले आये इधर उधर गेट व आवाज लगाते रहे मजदूर के साथी लेकिन अस्पताल में कोई भी स्वास्थ्य कर्मचारी न होने के कारण इलाज तक उपलब्ध नही हो सका आनन फानन में निजी अस्पताल में इलाज करवाने के लिये ले गये हालत में सुधार न होने के कारण घायल मजदूर को झांसी के लिये भेज दिया गया है

*घायल मजदूर को उसके साथी हाथों से उठाकर पहुँचे अस्पताल, नही नसीब हो सकी स्ट्रेचर*
स्वास्थ्य केंद्र हरपालपुर में व्यवस्था डगम गई हुई है जिसके चलते इमरजेंसी मरीजों को स्ट्रेचर तक की सुविधा नसीब नहीं हो पा रही है घायल मरीजों को हाथों से उठाकर सरकारी अस्पताल तक पहुंचाया जाता है आश्चर्य की बात तो यह है शासन द्वारा सरकारी अस्पताल में स्ट्रेचर मुहैया करवाई गई है फिलहाल स्वास्थ्य कर्मी भी मौके पर न होने के कारण घायल मजदूर को परेशानी का सामना करना पड़ा।

आखिर कैसे सुधरेंगे स्वास्थ्य विभाग के हालत,
स्वास्थ्य विभाग के हरपालपुर के दिन प्रतिदिन अवस्थाओं के हालात बने हुए हैं यहां डॉक्टरों की कमी के चलते मरीज को निजी अस्पतालों में जाकर इलाज करवाना पड़ रहा है इससे मजदूर वर्ग और मध्यम वर्ग पर आर्थिक रूप से असर पड़ रहा है यहां पर ना तो जिला प्रशासन का भी ध्यान नही है हालांकि इस तरह व्यवस्थाए दुरुस्त हो जाए

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