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सरकार की तरफ से कहा गया कि यदि किसी गाड़ी में ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) लगा है और वह काम कर रहा है तो उस गाड़ी को रोजाना 20 किमी तक हाइवे या एक्सप्रेसवे पर चलने के लिए किसी तरह का टोल टैक्स (Toll Tax Free) नहीं देना होगा.
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने नेशनल हाइवे फीस (National Highway Fee) नियम, 2008 में बदलाव का नोटिफिकेशन जारी किया है. नोटिफिकेशन में साफ कहा गया कि यदि गाड़ी रोजाना 20 किमी से ज्यादा दूरी तय करती है तो उससे टोल टैक्स लिया जाएगा. यह टैक्स उस दूरी के हिसाब से होगा, जो गाड़ी ने हकीकत में तय की है. यदि कोई कार रोजाना 20 किमी तक हाइवे या एक्सप्रेसवे पर चलती है तो उससे किसी तरह का टैक्स नहीं लिया जाएगा. लेकिन वहीं गाड़ी यदि 20 किमी से ज्यादा चलती है तो उससे टोल लिया जाएगा.
टोल टैक्स को जीएनएसएस नामक तकनीक से वसूला जाएगा. जीएनएसएस (GNSS) एक तरह का सैटेलाइट सिस्टम है, जो गाड़ी की लोकेशन से जुड़ी जानकारी देता है. रोड एवं ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री की तरफ से जुलाई में कहा गया था कि कुछ चुनिंदा हाइवे पर नई तरह का टोल टैक्स सिस्टम को जल्द आजमाया जाएगा. इस तकनीक को जीएनएसएस नाम दिया गया है. यह तकनीक फास्टैग के साथ काम करेगी. यानी आपके पास यदि फास्टैग है तब भी आप इस नई तकनीक को यूज सकते हैं. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि उन्होंने नया तरीका निकाला है, जिससे टोल प्लाजा पर गाड़ियों को रुकने की जरूरत कम पड़े.
नोटिफिकेशन में कहा गया कि नेशनल परमिट रखने वाले वाहनों को छोड़कर किसी अन्य वाहन का चालक, मालिक या प्रभारी व्यक्ति जो राष्ट्रीय राजमार्ग, स्थायी पुल, बाईपास या सुरंग के उसी सेक्शन का यूज करता है, उससे जीएनएसएस-बेस्ड सिस्टम के तहत एक दिन में प्रत्येक दिशा में 20 किमी तक के सफर के लिए किसी प्रकार का टोल नहीं लिया जाएगा. जीएनएसएस बेस्ड टोल कलेक्शन सिस्टम के बारे में एक पायलट प्रोजेक्ट कर्नाटक में एनएच-275 के बेंगलुरु-मैसूर सेक्शन और हरियाणा में एनएच-709 के पानीपत-हिसार सेक्शन पर किया गया है.
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