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नक्शा में मतभेद, फिर भी रेल लाइन दोहरीकरण के लिए 46 घरों व स्कूल को तीन दिन में खाली करने की चेतावनी

नक्शा में मतभेद, फिर भी रेल लाइन दोहरीकरण के लिए 46 घरों व स्कूल को तीन दिन में खाली करने की चेतावनी


जिले के नौगांव तहसील के ग्राम पंचायत सरसेड़ के चपरन गांव के रहवासी प्रशानिक गफलत के चलते मुसीबत में पड़ गए हैं। झांसी-मानिकपुर रेल लाइन के किनारे बसे गांव चपरन के रहवासियों को तीन दिन में घर-मकान खाली करने का चेतावनी पत्र उत्तर मध्य रेलवे ने जारी किया है।

छतरपुर. जिले के नौगांव तहसील के ग्राम पंचायत सरसेड़ के चपरन गांव के रहवासी प्रशानिक गफलत के चलते मुसीबत में पड़ गए हैं। झांसी-मानिकपुर रेल लाइन के किनारे बसे गांव चपरन के रहवासियों को तीन दिन में घर-मकान खाली करने का चेतावनी पत्र उत्तर मध्य रेलवे ने जारी किया है। घर खाली ने करने पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है। जबकि राजस्व और रेलवे के नक्शे में मतभेद के चलते जमीन के स्वामित्व का फैसला नहीं हो सका है। ऐसे में रेलवे अपनी जमीन बताकर खाली करा रहा है और बिना मुआवजा घर बार छोडऩे की नौबत आ गई है।

रेल लाइन का होना है दोहरीकरण

झांसी मानिकपुर रेल लाइन का दोहरीकरण किया जाना है। भूमि के आधिपत्य को लेकर रेलवे एवं राजस्व विभाग के नक्शो में निकले अंतर के चलते ग्रामीणों की स्थिति साफ नहीं हो पा रही थी। चार महीने पहले रेलवे ने गांव के 46 घरों में लाल निशान लगाए, तब से ग्रामीण संशय में थे। जबकि रेलवे और राजस्व अधिकारियों ने इस मुद्दे पर ग्रामीणों की नहीं सुनी। अब रेलवे ने घर खाली करने का नोटिस जारी कर दिया।

ये है समस्या

नौगांव तहसील के तीनों राजस्व आरआइ, पटवारी एवं रेल अधिकारियों ने चपरन गांव में भू अर्जन के लिए नाप की है। रेलवे लाइन से 50 मीटर तक अपनी जमीन बता रहा है, राजस्व विभाग 20 मीटर तक रेलवे की जमीन बता रहा है। रेलवे चपरन गांव में बने 46 क‘चे पक्के मकान को अपनी जमीन पर बना बता रहा है। जबकि राजस्व के नक्शे में ये जमीन गांव का रहवासी क्षेत्र है। जमीन को लेकर उलझन सामने आई तो दोनों विभागों के अधिकारियों ने नक्शा मिलान किया तो बड़ा अंतर पाया गया, जिसके चलते चार महीने पहले सीमांकन कार्य रोक दिया गया था।

गांव की बंद हो जाएगी रास्ता

वर्षो पहले गंाव में जो क‘चे मकान थे, उनमें से ’यादातर अब पक्के हो बन गए हैं। लेकिन रेल लाइन के दोहरीकरण के काम के चलते भू अर्जन के लिए जमीन की नाप होने के चलते ग्रामीण परेशान हैं। रेल लाइन दोहरीकरण के लिए रेलवे ने मकानों व प्राथमिक स्कूल तक लाल निशान लगा दिए हैं। जिससे गांव के लोगों के बेघर होने का डर सता रहा हैं। ग्रामीणों ने बताया कि दोहरीकरण के लिए रेलवे द्वारा चाही गई जमीन पर गांव के 46 क‘चे पक्के घरो सहित गांव में स्थित प्राथमिक शाला भी आ रही हैं। रेलवे ये जमीन अधिग्रहित करेगी तो गांव की प्राथमिक शाला के साथ ही गांव जाने का रास्ता भी बंद हो जाएगा।

इनका कहना है

दूसरी लाइन बिछाने से चपरन गांव में रेलवे ट्रैक वाला रास्ता बंद होने से ग्रामीणों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो सकती हैं। गांव का रास्ता बचाए रखने के लिए राजस्व अधिकारियों से बात की है। लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका है।
कल्लू प्रजापति, सरपंच, ग्राम पंचायत सरसेड़

झांसी-मानिकपुर रेल लाइन के दोहरीकरण में बाधा बन रहे चपरन गांव के 46 अतिक्रमणकारियों को नोटिस देकर रेलवे की जमीन खाली करने का नोटिस दिया गया है। यदि किसी कोई आपत्ति हैं, तो सीमांकन करा सकता है। विधि सम्मत कार्यवाही की जाएगी।
मनोज कुमार सिंह, पीआरओ, झांसी रेल मंडल

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