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किसान मांग रहे डीएपी, हरपालपुर में आई यूरिया की रैक
छतरपुर जिले में रबी सीजन की फसलो चना, मटर, सरसों, और गेहूं की बुवाई में किसानों को डीएपी खाद की कमी के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जिले में डीएपी की मांग लंबे समय से की जा रही है, लेकिन इसके बावजूद पर्याप्त मात्रा में डीएपी उपलब्ध नहीं हो पा रही है। किसानों को घंटों लाइन में खड़े रहने के बाद भी डीएपी की एक बोरी मिलना मुश्किल हो रहा है,
जिससे वे बेहद परेशान हैं।
हालांकि जिले के हरपालपुर रेलवे स्टेशन पर हाल ही में 2666.2 मीट्रिक टन आईपीएल यूरिया की रैंक पहुंची है, जिसमें से 1990 मीट्रिक
यूरिया की रैंक
टन यूरिया छतरपुर और टीकमगढ़ जिलों को आवंटित किया गया है। लेकिन किसानों की प्राथमिकता डीएपी खाद है, जो अभी तक उन्हें नहीं मिल पा रही है। यूरिया का
आवंटन विभिन्न क्षेत्रों में किया जा रहा है, लेकिन डीएपी की अनुपलब्धता के चलते किसानों की चिंताएं बढ़ रही है, क्योंकि यह रबी की फसल की बुवाई के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। छतरपुर जिले के बड़ामलहरा, बमीठा, घुवारा, लवकुशनगर और अन्य क्षेत्रों में यूरिया का वितरण किया जा रहा है, लेकिन डीएपी की अनुपलब्धता से गेहूं की बुवाई में देरी हो सकती है, जिससे फसल उत्पादन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। किसानों का कहना है कि अगर
समय पर डीएपी उपलब्ध नहीं हुई, तो गेहूं की बुवाई सही समय पर नहीं हो पाएगी, जिससे उत्पादन दन में भारी गिरावट हो सकती है। अक्टूबर महीने में दो डीएपी रैक आने के बाद भी सोसायटियों और प्राइवेट डीलरों के पास डीएपी की कमी बनी हुई है, जिससे किसानों को सिर्फ एनपीके खाद दिया जा रहा है, जो उनकी जरूरतें पूरी करने में असमर्थ है। अगर डीएपी समय पर उपलब्ध नहीं होती, तो किसानों की चिंताएं और बढ़ सकती है, और इसका सीधा असर गेहूं की पैदावार पर पड़ेगा।
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