शिक्षक के रक्तदान से चार दिन से भटक रहे मजदूर की पत्नी की बची जान।

बुन्देली न्यूज़,
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शिक्षक के रक्तदान से चार दिन से भटक रहे मजदूर की पत्नी की बची जान।

एडीएम एवम सिविलसर्जन की सूचना पर रक्तवीर सेवा दल आयाआंगे,हुई मदद।
डूबते को तिनके का सहारा मिल जाना ही बहुत है।रक्तवीर सेवा दल के अमित जैन ने बताया कि बड़ामलहरा निवासी लक्ष्मन अहिरवार जो कि मजदूरी का काम करता है,बीमार पत्नी के लिए रेयर ब्लड ग्रुप न मिल पाने से चार,पांच दिन से परेशान घूम रहा था।दरसल मजदूर लक्ष्मण की पत्नी अर्चना अहिरवार रक्त को कमी के कारण जिला अस्पताल में भर्ती थी, पर रेयर ब्लड ग्रुप होने के कारण उसे ब्लड मिल नही पा रहा था जिससे मजदूर पति चार पाँच दिन से भटक रहा था,थक-हार कर उसने कलेक्ट्रेट ऑफिस में भी आवेदन दिया जिस पर संयुक्त कलेक्टर मिलिंद नागदेवे एवम सिविल सर्जन जी.एल.अहिरवार की सूचना पर रक्तवीर सेवा दल के  रेयर ब्लड ग्रुप के रक्तदानी शिक्षक विनीत असाटी ने मौनी अमावस्या के शुभावसर पर पीड़ित गरीब मरीज की अपने रक्तदान से जान बचाई।
विनीत असाटी ने रक्तदान करते हुए संदेश दिया कि सभी के शरीर मे रक्त बह रहा है पर लोग भ्रांतियों में पड़कर रक्तदान नही करते,इसके लिए प्रशासन को हर संस्थान,विभाग एवम विद्यालय में रक्त जागरूकता  का अभियान चलाना चाहिए जिससे रक्त करने हर व्यक्ति आंगे आये।

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