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बुधवार, मार्च 19, 2025
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छतरपुर: सीएमएचओ कार्यालय में वाहनों के टेंडर में धांधली का आरोप,
नियमों को ताक पर रखकर चहेती कंपनियों को फायदा पहुंचाने का खेल,
आउटसोर्स भर्ती में भी अनियमितता के आरोप,
छतरपुर जिले के स्वास्थ्य विभाग में एक बार फिर से विवादों का साया मंडरा रहा है। इस बार मामला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) कार्यालय में वाहनों के टेंडर में धांधली का है। सूत्रों के मुताबिक, सीएमएचओ कार्यालय में वाहनों के टेंडर में नियमों को ताक पर रखकर चहेती कंपनियों को फायदा पहुंचाने का खेल खेला जा रहा है।
क्या है मामला?
जानकारी के अनुसार, सीएमएचओ कार्यालय में वाहनों के टेंडर में कुछ कंपनियों को नियमों को ताक पर रखकर फायदा पहुंचाया जा रहा है। आरोप है कि टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव है और चहेती कंपनियों को ही ठेका देने की कोशिश की जा रही है। सूत्रों की माने तो सीएमएचओ पर आउटसोर्स भर्ती की जांच प्रक्रिया में निलंबन की तलवार लटकी हुई है उसको नजर अंदाज करते हुए, फिर एक नया भ्रष्टाचार उजागर हो रहा है।
आरोप और सवाल
*टेंडर प्रक्रिया में नियमों का पालन क्यों नहीं किया जा रहा है?
*चहेती कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए क्या मापदंड अपनाए जा रहे हैं?
*क्या इस मामले में कोई जांच होगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी?
*आउटसोर्स भर्ती की जांच प्रक्रिया में निलंबन की तलवार लटकने के बावजूद सीएमएचओ नए भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं, क्या इस पर कोई कार्यवाही होगी?
*क्या यह संभव है कि नियमों को ताक पर रखकर, अपात्र कंपनियों को ठेका सौंपा जा रहा है, जबकि कई योग्य कंपनियों को अयोग्य ठहराकर बाहर कर दिया गया है?
* यह भी आरोप है कि इस पूरी प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर लेन-देन हुआ है। क्या इस लेन देन की भी जांच होगी?
* क्या कुछ अधिकारियों और ठेकेदारों के बीच गुप्त समझौते हुए हैं, जिसके बाद ही यह आदेश तैयार किया गया?
* क्या इस मामले में कई बड़े नामों के भी शामिल होने की आशंका है?
शासन और प्रशासन की भूमिका
इस मामले में शासन और प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। लोगों की मांग है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
जनता की राय
नोट -- यह खबर सूत्रों पर आधारित मामला गंभीर है और जांच का विषय है
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